वर्ल्‍ड ओबेसिटी डे: मोटापा घटाने वाली बेरियेट्रिक सर्जरी के बारे में जानें सबकुछ

वर्ल्‍ड ओबेसिटी डे: मोटापा घटाने वाली बेरियेट्रिक सर्जरी के बारे में जानें सबकुछ

सेहतराग टीम

आमतौर पर इसे वजन कम करने या मेटाबोलिक सर्जरी के नाम से जाना जाता है और ये ऑपरेशन कराने की सलाह सिर्फ गंभीर रूप से मोटे मरीजों, जो सख्‍त व्‍यायाम या भोजन में बदलाव के जरिये भी वजन कम करने में नाकाम रहते हैं, को ही दी जाती है। ये अति रूग्‍ण मोटापे से ग्रस्‍त ऐसे मरीजों को भी कराने की सलाह दी जाती है जिनकी स्थिति जान पर खतरे वाली बन चुकी होती है। आमतौर पर 35 किलो/वर्गमीटर से अधिक बीएमआई और कभी कभी 32.5 किलो/वर्गमीटर बीएमआई वाले मरीजों (यदि उन्‍हें उच्‍च रक्‍तचाप और डायबिटीज की समस्‍या भी हो तो) को भी ये ऑपरेशन कराने की सलाह दी जाती है। अन्‍य नस्‍लों के लोगों के मुकाबले भारतीयों में कम बीएमआई पर भी ये सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है। ऐसे मरीज जिनका वजन ठीकठाक बढ़ा हुआ हो मगर उन्‍हें सिर्फ चयापचयी लाभों की वजहों से ये सर्जरी कराने की सलाह दी गई हो तब इस सर्जरी को मेटाबोलिक सर्जरी कहा जाता है।

बेरियेट्रिक सर्जरी सिर्फ इस क्षेत्र के दक्ष और अनुभवी डॉक्‍टरों की देखरेख और दिशानिर्देश में ही कराना चाहिए।

बेरियेट्रिक सर्जरी में इस्‍तेमाल होने वाली तकनीक

बेरियेट्रिक सर्जरी शरीर में खाने की मात्रा को सीमित करके, शरीर में समाहित होने वाले पोषक तत्‍वों की मात्रा को घटाकर अथवा वजन घटाने वाले हार्मोनों की मात्रा बढ़ाने के जरिये वजन कम करती है। इस ऑपरेशन में निम्‍नलिखित में किसी भी उपाय को अपनाया जा सकता है:

  • भोजन की मात्रा को सीमित करना: इस तरीके में मरीज के पेट के आकार को छोटा कर दिया जाता है जिससे कम भोजन में ही पेट भरा लगता है। इसके लिए या तो गैस्‍ट्र‍िक बैंडिंग के जरिये पेट को कस दिया जाता है या फ‍िर स्‍लीव गैस्‍ट्रेक्‍टमी के जरिये पेट के एक हिस्‍से को निकालकर पेट का आकार छोटा किया जाता है।
  • खाए गए भोजन को की दिशा बदलना: इस प्रक्रिया के दौरान भोजन को छोटी आंत तक पहुंचने के रास्‍ते में बदलाव किया जाता है जिसके कारण व्‍यक्ति को पेट जल्‍दी ही भरा लगने लगता है और साथ ही शरीर भोजन में मौजूद सारे पोषक तत्‍व ग्रहण नहीं कर पाता। (इसे बिलियो-पैन्‍क्रियाटिक डायवर्जन विद ड्यूओडेनल स्‍वीच कहा जाता है।)
  • ऊपर के दोनों उपायों को मिलाना: इस श्रेणी में गैस्‍ट्र‍िक बाइपास की प्रक्रिया की जाती है। इस प्रक्रिया की ऊंची सफलता दर को देखते हुए ये बेरियेट्रिक सर्जनों की सबसे पसंदीदा सर्जरी है। इस प्रक्रिया में सर्ज‍िकल स्‍टेपल्‍स अथवा प्‍लास्टिक बैंड की मदद से पेट के ठीक ऊपर एक छोटी सी थैली बनाई जाती है। यही छोटी थैली ऑपरेशन के बाद मुख्‍य पेट का काम करती है और इसे छोटी आंत से जोड़ दिया जाता है। 

वेट लॉस / मेटाबोलिक सर्जरी न सिर्फ ऐसी डायबिटीज जिसे नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा हो, की स्थिति में लाभ पहुंचाती है बल्कि मरीज को हार्ट अटैक और मौत से भी बचा सकती है।

लाभ:

  • शोधों से साबित हुआ है कि इन ऑपरेशनों से न सिर्फ मरीज का 15 से 30 किलो तक वजन कम होता है बल्कि ये कम हुआ वजन आमतौर पर दोबारा बढ़ता भी नहीं है।
  • इस ऑपरेशन के बाद डायबिटीज, अनिद्रा और फैटी लिवर की बीमारियां पूरी तरह समाप्‍त हो सकती हैं और इन्‍हें दोबारा होने से रोका भी जा सकता है।
  • कई मामलों में तो उच्‍च रक्‍तचाप और कोलेस्‍ट्रोल की दवा की मात्रा भी घट जाती है और जो मरीज इंसुलिन ले रहा होता है उसका इंसुलिन लेना भी बंद हो सकता है।
  • ये हार्ट अटैक और मौत को रोक सकता है।
  • ऐसे लोग जिन्‍हें पांच वर्ष से कम समय से डायबिटीज हुआ हो वो इस ऑपरेशन के बाद पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।

जोखिम

  • इन ऑपरेशनों में होने वाला जोखिम बेहद कम और स्‍वीकार्य होता है (विटामिन की कमी, पेट में गड़बड़ी, खून की कमी आदि)। किसी दक्ष डॉक्‍टर से यह ऑपरेशन कराने में उतना ही जोखिम होता है जितना एक गॉल ब्‍लाडर के ऑपरेशन में होता है।

बेरियेट्रिक सर्जरी के बारे में आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्‍न: बेरियेट्रिक सर्जरी क्‍या है?

उत्‍तर: बेरियेट्रिक सर्जरी के तहत कई सारी सर्जिकल प्रक्रियाएं होती हैं जिन्‍हें मोटापा कम करने के लिए अथवा डायबिटीज को ठीक करने के साथ-साथ मोटापे से जुड़ी अन्‍य जटिलताओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। इन प्रक्रियाओं में स्‍लीव गैस्‍ट्रेक्‍टमी (पेट का आकार घटाना) और गैस्‍ट्रि‍क बाइपास (पेट को छोटा करने के साथ साथ इसे आंतों के साथ दोबारा से जोड़ना) के साथ साथ कई अन्‍य प्रक्रियाएं शामिल हैं।

प्रश्‍न: बेरियेट्रिक सर्जरी किनमें किया जाता है?

उत्‍तर: बेरियेट्रिक सर्जरी उन मरीजों में किया जाता है जिनमें:

  • बीएमआई के अनुसार बहुत ज्‍यादा चर्बी हो। बीएमआई मापने के तरीके लिए पिछले सेक्शन को देखें
  • टाईप 2 डायबिटीज के ऐसे मरीज जिनका वजन बहुत अधिक हो और / या इलाज से नियंत्रण में न आ रहा हो।

प्रश्‍न: कितने वजन पर बेरियेट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है?

उत्‍तर: मरीज को तब बेरियेट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है यदि:

  • बीएमआई 35 किलो / वर्ग मीटर हो और उसे डायबिटीज, नींद से जुड़ी समस्‍याएं, जोड़ों की परेशानी, फैटी लिवर, उच्‍च रक्‍तचाप, वेन्‍स में खून का थक्‍का जमने का जोखिम, एसिड रीफल्‍क्‍स, घुटने में गठिया जैसी समस्‍याएं हो।
  • इसके अलावा कुछ खास मामलों में 30 से लेकर 34.9 किलो / वर्गमीटर बीएमआई वाले मरीजों को भी इसकी सलाह दी जाती है।

प्रश्‍न: डायबिटीज के मरीजों को बेरियेट्रिक सर्जरी की सलाह क्‍यों दी जाती है?

उत्‍तर: डायबिटीज के मरीजों को इन वजहों से बेरियेट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है:

  • सर्जरी के बाद दवा या इंसुलिन की खुराक कम हो सकती है या बिलकुल बंद हो सकती है। कुछ मरीजों में डायबिटीज पूरी तरह ठीक हो सकता है।
  • वजन में 20 से 30 फीसदी की कमी आती है यानी 100 किलो वजन वाले व्‍यक्ति में 20 से 30 किलो वजन कम हो जाती है।
  • डायबिटीज के मरीजों में नर्व को क्षतिग्रस्‍त होने, किडनी फेल होने, हृदय की परेशानी आदि जैसी जटिलताओं का जोखिम कम करने के लिए।
  • रक्‍तचाप, कोलेस्‍ट्रोल और नींद से जुड़ी समस्‍याओं को बेहतर करने के लिए।
  • व्‍यायाम करने की क्षमता बढ़ाने के लिए।
  • घुटने में गठिया की स्थिति सुधारने के लिए।

प्रश्‍न: बेरियेट्रिक सर्जरी किस प्रकार किया जाता है और इससे जुड़े जोखिम क्‍या हैं?

उत्‍तर: पेट में छोटे छेदों के जरिये लेप्रोस्‍कोपिक विधि से ये सर्जरी किए जाते हैं। यदि विशेषज्ञ डॉक्‍टर से कराया जाए तो इस सर्जरी में उतना ही जोखिम होता है जितना गॉल ब्‍लाडर के ऑपरेशन में होता है।

प्रश्‍न: सर्जरी के बाद मरीज को कितने दिन आराम करना होता है?

उत्‍तर: अधिकांश मरीजों को 2 से 3 दिन के लिए भर्ती किया जाता है और ये मरीज उसी सप्‍ताह अपना काम करना शुरू कर सकते हैा।

प्रश्‍न: सर्जरी करवाने वाले मरीजों को क्‍या विशेष निर्देश याद रखने की जरूरत है?

उत्‍तर: मरीजों को शुरुआत में अपने भोजन की आदत में बदलाव करना होता है और विटामिन लेना होता है। उन्‍हें भविष्‍य में भी खाने को लेकर सतर्क रहना होता है ताकि वजन फ‍िर न बढ़ जाए। उन्‍हें नियमित व्‍यायाम भी करते रहना होता है।

(डॉक्‍टर अनूप मिश्रा की किताब डायबिटीज विद डिलाइट से साभार)

 

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